योग क्या है ? दैनिक जीवन में योग का महत्व. What is yoga in Hindi.

               योग क्या है ? दैनिक जीवन में योग का महत्व. What is yoga in Hindi.

योग क्या है. What is yoga.?


हम आज महत्वपुर्ण विषय “योग” पर बात करने वाले है जैसा की हम सब जानते है योग एक संस्कृत शब्द है जो यूज से आया है अर्थात जिसका अर्थ “ एकीकरण” या “जुड़ना” होता है। योग की परम्परा अत्यंत प्राचीन है। इसकी उत्त्पति हज़ारों वर्ष पहले हुई थी। प्राचीन शास्त्रों व ग्रन्थों के अनुसार महर्षि पतंजलि को दुनिया का पहला योग गुरु माना जाता है। महर्षि पतंजलि ने अपने योग ग्रन्थ–“पातंजल” योग सूत्र में वर्णन किया है कि “तदा द्रष्टुः स्वरूपेऽवस्थानम्” अर्थात मानव जीवन का परम लक्ष्य अपने वास्तविक स्वरूप में स्थित होना है। योग विद्या हमे अपने स्वय के अस्तित्व का बोध कराती है। योग आध्यात्मिक प्रक्रिया है जिसमे शरीर और आत्मा (ध्यान) को एकरूप करना ही योग कहलाता है। यह एक प्राचीन भारतीय जीवन-शैली और ध्यान प्रणाली है जिसे शरीर, मन और आत्मा को संतुलित और एकीकृत करने के लिए विकसित किया गया है। योग का मुख्य उद्देश्य व्यक्ति के शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक विकास को समृद्ध और सुखमय बनाना है।

योग के मूल तत्व अध्यात्म, आत्म-अनुभव और मोक्ष की प्राप्ति मानी जाती हैं। योग विभिन्न शारीरिक आसनों, योगासन, प्राणायाम, श्वास-नियंत्रण, ध्यान और धारणा, मन का निग्रह जैसे- तकनीकों का उपयोग करता है। इन तकनीकों के माध्यम से योगी शारीरिक सुगमता, शांति, मनोशांति और मन की नियंत्रण क्षमता का विकास करता है। योग में विभिन्न प्रकार के योगासन, मुद्राएं और बंध शामिल होते हैं जो शरीर, मन और आत्मा के भीतरी संयम और संवेदनशीलता को विकसित करने में मदद करते हैं। योग के अनुयायी इसे शरीर के रोगों का उपचार, मन की चंचलता को कम करने, स्वास्थ्य और तनाव को नियंत्रित करने, स्वयं को जानने और अध्यात्मिक विकास के लिए एक प्रमुख साधना मानते हैं। योग न केवल शारीरिक फिटनेस और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारता है बल्कि आत्मा की उन्नति और आनंद के लिए भी मार्ग प्रदान करता है। इसे नियमित रूप से अभ्यास करने से शरीर, मन और आत्मा में संतुलन, समृद्धि और शांति की प्राप्ति होती है। यदि आप योग के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो नीचे कुछ महत्वपूर्ण जानकारी दी गयी है। इसलिए अधिक जानकारी के लिये लेख को आखिर तक जरुर पढ़ें।


योग विभिन्न प्रकारों में विभाजित होता है। जिनमें से कुछ प्रमुख प्रकार निम्न है जैसे:


हठ योग:

हठ योग एक शारीरिक और मानसिक अभ्यास है जिसमें आसन, पोज़ और प्राणायाम श्वास नियंत्रण को सम्मिलित किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य शरीर, मन और आत्मा के मध्य संतुलन और समरसता को स्थापित करना है।


राज योग:

राज योग या आष्टांग योग अष्टांगिक योग के रूप में भी जाना जाता है। इसमें आठ अंगों का अभ्यास होता है जिनमें यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधि शामिल होते हैं। राज योग में मन को नियंत्रित करके मन की शांति और चित्त का एकाग्रता प्राप्त करने का प्रयास किया जाता है।


कर्म योग:

कर्म योग अथवा कर्म संन्यास विशेष रूप से भगवद् गीता में वर्णित है। इसमें कर्मों को निःस्वार्थ भाव से करने का उद्देश्य होता है। यहां कर्म को उत्कृष्ट बनाने के लिए निष्काम भाव से भाग्यशाली कर्म योगी अपनी सेवा और कार्यों में विनम्रता से लगे रहते हैं।


ज्ञान योग:

ज्ञान योग में ज्ञान की प्राप्ति और सत्य के ज्ञान के माध्यम से मुक्ति की प्राप्ति का विधान होता है। यह अंतर्मुखी प्रवृत्ति, स्वाध्याय, धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन, मनन और ध्यान के माध्यम से सत्य की पहचान और आत्म-अन्वेषण पर आधारित है।


भक्ति योग:

भक्ति योग में देवता या ईश्वर के प्रति उनके भक्ति, प्रेम और समर्पण का विधान होता है। इसमें भक्त ईश्वर में पूर्ण श्रद्धा और प्रेम के साथ उनकी सेवा, आराधना, मंत्र जाप और संगीतादि के माध्यम से ईश्वर के साथ सामरस्य और एकता की प्राप्ति का प्रयास करते हैं।

ये कुछ मुख्य योग के प्रकार हैं। लेकिन इसके अलावा भी बहुत सारे योग के प्रकार मौजूद हैं जैसे की जीवन्त योग, कुंडलिनी योग, नाद योग, स्वर योग, आदि। हर योग के प्रकार का अपना उद्देश्य व अभ्यास होता है जो शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक विकास को बढाता।


दैनिक जीवन में योग का महत्व:


योग हमारे दैनिक जीवन में बहुत महत्व रखता है| योग न केवल हमारे शरीर की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है बल्कि यह हमारे माइंड को शांत रखने में भी मदद करता है। योग तनाव से राहत देता हैं। योग शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करता है। यहां कुछ मुख्य फायदे हैं जैसे:


शारीरिक स्वास्थ्य:

योग शारीरिक कसरत के लिए एक पूर्ण व्यायाम है। इसका नियमित अभ्यास आपकी शारीरिक स्थिति को सुधारता है। मांसपेशियों को मजबूती देता है। संतुलन को सुधारता है और समय के साथ शारीरिक लचीलापन बढ़ाता है।


मानसिक स्वास्थ्य:

योग में ध्यान और प्राणायाम की तकनीकें शामिल होती हैं जो मानसिक चंचलता को कम करने में मदद करती हैं। ध्यान करने से मन शांत रहता है, तनाव कम होता है और मनोवैज्ञानिक स्थिति में सुधार होती है।


श्वास नली के रोग:

प्राणायाम योग का महत्वपूर्ण अंग है जिसका अभ्यास करने से श्वास नली के रोग जैसे अस्थमा और ब्रोंकाइटिस का इलाज किया जा सकता है।


शारीरिक लक्षणों का समाधान: 

योग आम रूप से अलग-अलग शारीरिक समस्याओं को सुलझाने में मदद करता है जैसे कि बैक पेन, गठिया, गर्भाशय संबंधी समस्याएं, मोटापा आदि।


स्वास्थ्यप्रद प्रभाव:

योग करने से आपका इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। मस्तिष्क की क्षमता में सुधार होता है| आपकी पाचन शक्ति बढ़ती है और शरीर के निरोगी रहने की क्षमता बढ़ती है।


आध्यात्मिक संवेदनशीलता:

योग आध्यात्मिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है। यह आपको अपने आंतरिक अस्तित्व के साथ जोड़ता है, चिंतन और मनन का अवसर प्रदान करता है और आपको अपने अस्तित्व के साथ संवाद करने की क्षमता प्रदान करता है। योग अनुशासनबद्ध और नियमित रूप से किया जाना चाहिए। यदि आप शुरूआती हैं तो एक प्रशिक्षित योग गुरु की मार्गदर्शन में योग करना सर्वोत्तम होगा। योग करना शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक होता है। यदि आप योग करने की शुरुआत करना चाहते हैं तो निम्नलिखित टिप्स का पालन करके आप अपनी प्रैक्टिस को आरामदायक और सतर्कतापूर्वक बना सकते हैं।


योगासन चुनें:

योग में कई प्रकार के आसन होते हैं। शुरुआत में सरल और आसान आसन चुनें जैसे कि ताड़ासन, वृक्षासन, भुजंगासन आदि। ये आसन स्थिरता और लचीलापन देते हैं जो आपको ध्यान केंद्रित करने में मदद करेंगे।


समय निर्धारित करें:

नियमितता महत्वपूर्ण है। इसलिए रोज़ योग करने का निर्धारित समय निर्धारित करें। सुबह के समय योग करना शरीर के लिए अच्छा होता है। लेकिन आप अपनी अनुकूलता के अनुसार इसे अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं।


सही पोषण:

स्वस्थ और संतुलित आहार आपके योग प्रैक्टिस के लिए महत्वपूर्ण है। हरी सब्जियां, फल, पूरे अनाज, दूध और दूसरे प्राकृतिक आहार को अपनाने का प्रयास करें और तले हुए मसालेदार और पैक्डसफ़ूड खाद्य पदार्थों का सेवन कम करें।


सामंत्रिक श्वासायाम:

योग के अलावा श्वासायाम तकनीकें जैसे कि अनुलोम-विलोम, कपालभाती, भ्रामरी, ब्रह्मरंड्र आदि आपको शांति और ध्यान में मदद कर सकती हैं। इन तकनीकों को योग सत्र की शुरुआत और समापन में शामिल करने से प्राप्त लाभ बढ़ता है।


ध्यान और प्राणायाम:

योग का अभ्यास ध्यान और प्राणायाम को शामिल करने के लिए अवश्य करें। ध्यान करने से मन की शांति होती है और प्राणायाम श्वास-प्रश्वास को नियंत्रित करके प्राण की ऊर्जा को बढ़ाता है। ये ध्यान जरुर दे योगासन करते समय सुरक्षित रहें और अपने शरीर की सुनें।


शिष्टाचार:

योग में शिष्टाचार का पालन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। शिष्टाचार में शुद्धता, नम्रता, सत्यनिष्ठा, त्याग, और नियमित अभ्यास को शामिल किया जाता है।


योग का हमारे जीवन पर प्रभाव:


योग हमारे जीवन पर व्यापक प्रभाव डालता है। योग एक प्राचीन भारतीय प्रयास है जिसे शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक विकास के लिए किया जाता है। योग आपको शांति, स्वास्थ्य, सुख, समृद्धि और स्वयं को समझने की अनुभूति दिलाता है। इसका हमारे जीवन पर कई प्रकार से प्रभाव होता है।


शारीरिक स्वास्थ्य:

योगासन और प्राणायाम के अभ्यास से शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। योग शारीरिक दुर्बलता को कम करके, ताकत और सुचारू रूप से कार्य करने की क्षमता को बढ़ाता है। इससे शरीर के अंग, हृदय, प्राणवायु प्रणाली, मस्तिष्क और अन्य शारीरिक प्रणालियों का अनुभव होता है।


मानसिक स्थिति:

योग में ध्यान और मेधावी अभ्यास शामिल होते हैं जो मानसिक शांति, स्थिरता और ताजगी प्रदान करते हैं। योग के अभ्यास से मन का चंचलता और चिंताओं का संतुलन कम होता है और एक सकारात्मक मानसिक स्थिति बनती है। योग ध्यान के माध्यम से अवधारणात्मक क्षमता, स्मृति और बुद्धि को विकसित करने में मदद करता है।


स्वयं पर नियंत्रण:

योगाभ्यास हमें अपने स्वयं को नियंत्रित करने की क्षमता प्रदान करता है। योग में ध्यान और अभ्यास से हम अपने विचारों, भावनाओं और प्रतिक्रियाओं को संरेखित कर सकते हैं। जिससे हमें अपने कार्यों और निर्णयों पर नियंत्रण मिलता है। इससे हम अपनी सोच, व्यवहार और प्रतिक्रियाओं को सकारात्मक और स्वस्थ बनाने के लिए सक्षम होते हैं।


आध्यात्मिक विकास: 

योग आपको आध्यात्मिक विकास की ओर ले जाता है। योग के माध्यम से हम अपनी आंतरिक शक्तियों, उच्चताओं और सामर्थ्यों को जानने और अनुभव करते हैं। योगाभ्यास हमें अपनी आंतरिक दिशा, प्राणिक शक्ति, और आत्मा से जुड़ने की अनुभूति प्रदान करता है। यह हमें अपने अस्तित्व के गहरे पहलुओं को समझने में मदद करता है और एक सामर्थ्यपूर्ण और सुरम्य जीवन का अनुभव करने की क्षमता प्रदान करता है।


निष्कर्ष:

योग का नियमित अभ्यास करने से हम शांति, स्वास्थ्य, ताजगी, सुख और आंतरिक संतुष्टि का अनुभव कर सकते हैं। योग हमें जीवन के तनाव से राहत देता है और हमें एक स्थिर और स्थिर मानसिक स्थिति में रखता है। इसके अलावा योग हमें अपने अस्तित्व को समझने, अपने शक्तियों को जानने और अपने जीवन को स्वयं पर नियंत्रित करने की क्षमता प्रदान करता है। योग आज हमारे जीवन का हिस्सा बन गया है और हमको नियमित योग करना चाहिए और योग के फायदे लेने चाहिए। लेख को अंत तक पढने के लिए धन्यवाद। आशा करता हूँ आगे भी मेरे द्वारा लिखे गये लेखो को आप जरुर पढेंगे।


अस्वीकरण:

यह लेख केवल एक शिक्षा के उद्देश्य से लिखा गया है, इसकी सभी जानकारी व सुझाव सामान्य है| यह लेख केवल योग की एक सामान्य जानकारी एवं शिक्षा के उद्देश्यों के लिए है, इसकी सभी जानकारी व सुझाव सामान्य हैं। यह जानकारी किसी भी बीमारी के उपचार और निदान के लिए किसी भी चिकित्सा विशेषज्ञ की सलाह नहीं है। अधिक जानकारी के लिए स्वास्थ्य सुझाव और जानकारी की अस्वीकरण नीति को पढ़ें। मुझे उम्मीद है कि आप भविष्य में भी मेरे द्वारा लिखे गए लेखों को पसंद करेंगे और पढ़ेंगे। लेख को अंत तक पढ़ने के लिए धन्यवाद।


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