वायरल बुखार के लक्षण एव घरेलू उपचार. Symptoms and home remedies of viral fever:
वायरल बुखार के लक्षण एव घरेलू उपचार. Symptoms and home remedies of viral fever:
वायरल बुखार एक सामान्य प्रकार का बुखार है। आमतौर पर वायरल बुखार होने का मुख्य कारण मौसम मे परिवर्तन होता है। अन्य कारणों मे यह कुछ जहरीले मच्छरों व कीटों के काटने से, संक्रमित भोजन या दूषित पानी के सेवन करने से, संक्रमित कपड़ों के संपर्क से और एक दूसरे के संपर्क मे आने से अधिक फैलता है। यह तेजी से फैलने वाला एक वायरस संक्रमण है जो अलग-अलग प्रकार का होता हैं जैसे डेंगू, चिकनगुनिया, चिकनपॉक्स, इन्फ्लूएंजा अन्य मौसमी बुखार। वायरल बुखार किसी भी उम्र के ब्यक्ति को हो सकता है और यह कोई गंभीर स्थायी रोग नहीं है। सही उपचार से वायरल बुखार के अधिकांश लक्षण आमतौर पर कुछ दिनों के भीतर अपने आप ठीक हो जाते हैं।
तो आज हम इस लेख मे वायरल बुखार के लक्षणों व उसके कुछ घरेलू उपचार के बारे मे बात करने वाले है जिससे हमको वायरल बुखार से निजात दिलाने मे बहुत सहायता मिलेगी इसलिए इस लेख को पूरा जरूर पढ़ें।
वायरल बुखार के लक्षण एव घरेलू उपचार. Symptoms and home remedies of viral fever:
वायरल बुखार के लक्षण. Symptoms of viral fever:
शरीर का तापमान बढ़ना. Increased body temperature:
शरीर का तापमान बढ़ना वायरल बुखार का मुख्य लक्षण होता है। यह आमतौर पर बुखार के रूप में प्रकट होता है जिसे पायरेक्सिया कहा जाता है। जब शरीर का तापमान बढ़ता है तो शरीर मे अधिक गर्मी का अनुभव होता है जिससे सिरदर्द, थकान, बेहोशी और जोड़ों व शरीर में दर्द हो सकता है। तापमान का बढ़ना वायरल बुखार का एक विशेष लक्षण है जो बताता है कि व्यक्ति को वायरल बुखार है।
सिरदर्द. Headache:
वायरल बुखार होने पर बुखार के साथ सिर मे दर्द रहना एक आम समस्या है। वायरल बुखार के दौरान सिर मे दर्द होने का मुख्य कारण है जब शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली वायरल संक्रमण के प्रति प्रतिक्रिया करती है और वायरस से लड़ने के लिए रसायन और सूजन पैदा करने वाले पदार्थ छोड़ती है तो ये पदार्थ मस्तिष्क में रक्त वाहिकाओं मे सूजन या जलन पैदा करते हैं जिससे सिर मे तेज दर्द होता है।
गले में दर्द और खराश होना. Pain and sore throat:
गले मे दर्द और खराश होना वायरल संक्रमण का शुरुवाती लक्षण होता है जो गले की मांसपेशियों में सूजन और जलन पैदा करता है। यह लक्षण आमतौर पर शरीर मे सर्दी लगने के कारण होता हैं जिससे खांसी व गले में दर्द और खराश के साथ-साथ गला भी सूज जाता है इसके अलावा गले में खराश के कारण भूख न लगना और निगलने में कठिनाई भी हो सकती है।
जोड़ों में दर्द. Joint pain:
जोड़ों मे अचानक दर्द होना वायरल बुखार का एक सामान्य लक्षण है। वायरल संक्रमण से शरीर में गठिया की तरह जोड़ों में सूजन और दर्द हो सकता है। आमतौर पर वायरल बुखार के दौरान शुरुवात मे जोड़ों मे दर्द हल्का होता है और गर्दन, कंधे, हाथ, पैर आदि के किसी भी जोड़ में हो सकता है। यह दर्द धीरे-धीरे बढ़ सकता है और रोज की गतिविधियों में बाधा डाल सकता है। साथ ही जोड़ों में सूजन और अकड़न भी हो सकती है।
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शरीर में दर्द. Body pain:
बुखार के कारण शरीर में दर्द अक्सर वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण और प्रतिरक्षा प्रणाली की बढ़ती प्रतिक्रिया के कारण होता है। वायरल बुखार होने पर इम्यूनिटी सिस्टम सक्रिय हो जाता है यह प्रतिक्रिया शरीर को संक्रमण से लड़ने के लिए ऊर्जा देती है जिससे शरीर में दर्द होता है। वायरल बुखार के लक्षणों में शरीर में दर्द होना सामान्य लक्षण है।
खांसी होना. Having a cough:
वायरल बुखार में खांसी एक आम लक्षण है। खांसी वायरल संक्रमण के कारण सूखी या बलगम वाली होती है और गले में खराश पैदा करती है जिससे श्वसन तंत्र की स्थिति में बदलाव होने के कारण गले मे और सीने में दर्द होने लगता है और वायरल बुखार वाली खासी रात में या ठंड में अधिक होती है।
नाक का बंद होना. Nasal congestion:
नाक का बंद होना जो आमतौर पर वायरल बुखार व सर्दी जुकाम में देखा जाता है जब कोई वायरस सांस मार्ग को संक्रमित करता है या नाक की परत में सूजन पैदा करता है तो यह सूजन नाक के मार्ग को संकीर्ण कर देती है जिससे हवा का गुजरना मुश्किल हो जाता है और वायरल संक्रमण से बलगम भी बढ़ जाता है जिसके परिणामस्वरूप नाक बंद हो जाती है। नाक बंद होने के साथ अक्सर छींक आना, नाक बहना और साइनस दबाव जैसे अन्य लक्षण भी होते हैं।
सांस लेने में कठिनाई. Difficulty breathing:
वायरल बुखार में सांस लेने में दिक्कत होने के कई कारण हो सकते हैं। पहला कारण यह है कि यह बीमारी श्वसन तंत्र में जमाव पैदा करती है जिससे सांस लेने की प्रक्रिया प्रभावित होती है। दूसरा कारण सांस लेने के दौरान फेफड़े सूज जाते हैं या सिकुड़ जाते हैं जिससे सांस लेने में दिक्कत होती है। तीसरा कारण शरीर का ऊर्जा स्तर कम हो सकता है जिससे सांस लेने की क्षमता कम हो जाती है। इन सभी कारणों से सांस लेने में कठिनाई होती है।
नाक बहना. Running nose:
सर्दी या खांसी के साथ आने वाले वायरल बुखार में नाक बहना एक आम लक्षण है। वायरल रोग के कारण नाक की मुख्य धारा में रक्त का प्रवाह अधिकतम श्वास के साथ होता है जिससे नाक बहने लगती है। यह स्राव नाक के बलगम में पनप रहे वायरस के प्रतिकूल शारीरिक प्रभावों का परिणाम है।
नाक बहना सामान्यतः सर्दी के लक्षणों में शामिल है जो वायरस के कारण होता है। यह प्रवाह आमतौर पर सांस लेने के दौरान नाक से होता है और जितनी बार कोई सांस लेता है प्रवाह उतना ही अधिक बढ़ जाता है।
वायरल बुखार के लक्षण एव घरेलू उपचार. Symptoms and home remedies of viral fever:
पेट दर्द या दस्त. Stomach pain or diarrhea:
वायरल बुखार मे पेट दर्द और दस्त हो सकता हैं। इसमे अपच गैस और आंतों में ऐंठन जैसी समस्याएं हो सकती है। इसके अलावा दस्त के कारण अत्यधिक तरल पदार्थ की हानि होती है जो आमतौर पर पानी या एंटीबायोटिक दवाओं के उपयोग के कारण भी होता है।
खाने में रुचि कम होना. Loss of interest in food:
वायरल बुखार के दौरान भोजन में रुचि कम होना एक सामान्य लक्षण है। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं पहला कारण है कि बुखार के दौरान भूख कम हो जाती है जिससे खाने की इच्छा कम हो जाती है और वायरल इंफेक्शन के कारण खाने का स्वाद खराब हो जाता है जिससे खाना अच्छा नहीं लगता। वायरल बुखार बार बार गला सूखा देता है जिससे खाना निगलने में दिक्कत होती है।
उल्टी होना. Vomiting:
उल्टी आना वायरल बुखार का एक सामान्य लक्षण है। जब शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली वायरस से लड़ने के लिए अपने ऊतकों को निष्क्रिय कर देती है तो उल्टी हो सकती है। और वायरल बुखार में उल्टी और भी कई कारणों से हो सकती है जिसमे प्रतिरक्षा प्रणाली विशेष रूप से शरीर में उत्पन्न विषाक्त पदार्थों से लड़ने के लिए काम करती है और उल्टी के माध्यम से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकाल देती है। इसके अलावा बुखार शरीर की ऊर्जा को भी कम कर देता है जिससे उल्टी होने की संभावना रहती है।
बार-बार उल्टी का अनुभव होना. Experiencing frequent vomiting:
बार-बार उल्टी का अनुभव होना वायरल बुखार का एक सामान्य लक्षण है। ये उल्टियां आमतौर पर बुखार के साथ-साथ होती हैं। यह वायरस संक्रमण के प्रति शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली की प्रतिक्रिया का हिस्सा होती है। उल्टी शरीर को वायरस से बचाने में मदद कर सकती है और अतिरिक्त अपशिष्ट को हटाने में भी सहायक होती है। इसके साथ ही उल्टी शरीर के अंदरूनी हिस्सों को दुरुस्त करती है और बचे हुए पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करती है। ज्यादातर मामलों में यह लक्षण अस्थायी होता है और सामान्य बुखार के बाद अपने आप ठीक हो जाता है।
आँखों का लाल होना Redness of eyes:
आंखों का लाल होना वायरल बुखार का एक सामान्य लक्षण है। यह लालिमा श्वेतपटल (आंखों का सफेद भाग) में सूजन या वायरल संक्रमण के कारण हो सकती है इसे कंजंक्टिवाइटिस कहा जाता है जिसमें आंखों में सूजन और लाली आ जाती है। और इसके साथ खुजली, जलन और आंखों से पानी या प्यूरुलेंट डिस्चार्ज भी हो सकता है।
मुँह के अंदर लाल छाले पड़ना. Red blisters inside the mouth:
वायरल बुखार के लक्षणों में मुंह के अंदर लाल छाले होना संभव हैं। छाले आमतौर पर जीभ पर, मुंह के अंदर या गले में होते हैं जिससे छाले के साथ-साथ दर्द, जलन और सूजन जैसे लक्षण भी होते हैं। ये छाले वायरल बुखार के ठीक होने पर अपने आप समाप्त हो जाते है।
पेट मे सूजन होना. Swelling in stomach:
वायरल बुखार के लक्षणों में पेट में सूजन शामिल हो सकती है जो आमतौर पर गैस या आंतों की समस्याओं के कारण होती है। क्योंकि बुखार के दौरान शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली अति सक्रिय हो जाती है और शरीर की ऊर्जा का उपयोग करती है। इसके अतिरिक्त वायरस संक्रमण आंतों की सामान्य कार्यप्रणाली को प्रभावित करता है और आंतों में सूजन पैदा करता है जिस कारण पेट दर्द, अत्यधिक गैस और अपच जैसी समस्याएं हो जाती है।
एसिडिटी या गैस होना. Having acidity or gas:
ये समस्याएं ज्यादातर पेट की सामान्य प्रक्रियाओं में बदलाव के कारण होती हैं। बुखार के समय शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली काम करना शुरू कर देती है जिससे पेट की सामान्य कार्यप्रणाली भी बदल जाती है। इससे पेट में एसिडिटी, जलन और अपच जैसी समस्याएं हो सकती हैं। वायरस संक्रमण और बुखार के कारण शरीर में ऊर्जा की कमी हो सकती है। इसके अतिरिक्त वायरल संक्रमण से भोजन के प्रति प्रतिक्रिया कम हो सकती है जिससे गैस बन सकती है।
अत्यधिक थकावट और आलस्य. Extreme tiredness and laziness:
अत्यधिक थकान और आलस्य महसूस करना वायरल बुखार का एक सामान्य लक्षण है। यह लक्षण बुखार के कारण होता है। वायरल संक्रमण के दौरान शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली की सक्रियता के कारण शरीर मे अपेक्षा से अधिक ऊर्जा की खपत होती है जिससे थकान और सुस्ती महसूस होती है। वायरल संक्रमण और बुखार के कारण शरीर में ऊर्जा की कमी हो जाती है जिससे थकान और आलस्य हो सकता है।
वायरल बुखार के घरेलू उपचार. Home remedies for viral fever:
पर्याप्त आराम और नींद. Adequate rest and sleep:
पर्याप्त आराम और नींद वायरल बुखार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं। इससे शरीर को अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को सक्रिय करने और संक्रमण से लड़ने की क्षमता में सुधार करने का समय मिलता है। पर्याप्त आराम करने से शरीर का ऊर्जा स्तर भी बना रहता है जिससे लक्षणों से निपटना आसान हो जाता है। नींद के दौरान शरीर विशेष रूप से सुरक्षा और पुनर्जनन प्रक्रियाओं में लगा रहता है जो संक्रमण से लड़ने में मदद करता है।
गुनगुने पानी से स्नानं. Bathing with lukewarm water:
वायरल बुखार में गुनगुने पानी से नहाना बहुत जरूरी है। स्नान शरीर की गर्मी को कम करके बुखार के लक्षणों को कम करने मदद करता होता है। गर्म पानी के संपर्क से रक्त संचार बढ़ता है और शरीर के अंगों में ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है। बुखार होने पर बहुत अधिक पसीना आता है जिससे शरीर अत्यधिक शुष्क हो जाता है। इसलिए गुनगुने पानी से नहाने पर शरीर हाइड्रेटेड और तरोताजा रहता है जिससे बुखार की स्थिति में सुधार होता है।
संतुलित आहार का सेवन. Eating a balanced diet:
वायरल बुखार के घरेलू उपचार में संतुलित आहार महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। संतुलित आहार शरीर को आवश्यक पोषण प्रदान करता है जिससे प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है और बुखार से लड़ने की क्षमता में सुधार होता है। इसमें शामिल पौष्टिक अनाज, फल, सब्जियां, दूध आदि शरीर की प्रोटीन, विटामिन और अन्य महत्वपूर्ण पोषक तत्वों की जरूरत को पूरा करते हैं। संतुलित आहार में अधिक से अधिक फल और सब्जियां शामिल करनी चाहिए जिससे शरीर को ताजगी मिले।
पानी का अधिक सेवन. Increased water intake:
वायरल बुखार के इलाज में खूब पानी पीना बहुत जरूरी है। पानी शरीर को हाइड्रेटेड रखने में मदद करता है और अत्यधिक बुखार के कारण शरीर मे पानी की कमी हो जाती है और अधिक पानी पीने से शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद मिलती है जिससे बुखार के लक्षणों से राहत मिलती है। इसके अतिरिक्त पानी शरीर की ऊर्जा को बढ़ाता है और रक्त संचार बढ़ता है जिससे शरीर में ताजगी बनी रहती है।
गरम पानी और नमक का गरारा. hot water and salt gargle:
वायरल बुखार के घरेलू उपचार में गर्म पानी और नमक से गरारे करना फायदेमंद होता है। इससे गले का संक्रमण दूर होता है और सांस लेने में आसानी होती है जिससे बुखार के लक्षण कम हो जाते हैं। नमक में विशेष रूप से जीवाणुरोधी गुण होते हैं जो संक्रमण को मारते हैं। यह गले के दर्द और खराश को कम करता है और शरीर को ताजगी प्रदान करता है।
भाप लेना. Steaming:
वायरल बुखार के समय भाप लेने से सांस संबंधी समस्याओं से राहत मिलती है। यह फेफड़ों को साफ करता है और नाक से बंद गंदगी को बाहर निकालता है। भाप लेने से रक्त संचार बढ़ता है और शरीर से गर्मी निकलती है जिससे बुखार के लक्षणों से राहत मिलती है। यह गले की खराश और दर्द को भी कम करता है।
नींबू पानी और नारियल पानी का सेवन. Consumption of lemon water and coconut water:
वायरल बुखार के घरेलू उपचार में नींबू पानी और नारियल पानी का सेवन बहुत फायदेमंद होता है। नींबू पानी विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है और शरीर को संक्रमण से लड़ने में मदद करके बुखार के लक्षणों को कम करता है। साथ ही नारियल पानी में विटामिन, खनिज और इलेक्ट्रोलाइट्स होते हैं जो शरीर को हाइड्रेटेड रखते हैं इसके अतिरिक्त नारियल पानी में लॉरिक एसिड होता है जो वायरस को मारने और संक्रमण से लड़ने में मदद करता है।
गिलोय के रस का सेवन. Consumption of Giloy juice:
गिलोय के रस का सेवन वायरल बुखार के घरेलू उपचार में अनेक फायदे प्रदान करता हैं। गिलोय विटामिन सी, बी, एंटीऑक्सीडेंट और कैल्शियम से भरपूर होता है। गिलोय का रस प्राकृतिक रूप से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत करके शरीर को वायरस से लड़ने में मदद करता है और रक्त को शुद्ध कर शरीर की ऊर्जा को बढ़ाता है और बुखार के लक्षणों को कम करने में मदद करता है साथ ही संक्रमण से लड़ने की क्षमता को बढ़ाता है। गिलोय का रस बुखार की स्थिति को ठीक करने में मदद करता है और शरीर को शांति प्रदान करता है।
हल्दी वाला दूध. Turmeric milk:
हल्दी वाला दूध वायरल बुखार का सरल घरेलू उपाय है जिसको पीने के कई फायदे होते हैं। हल्दी में एंटीऑक्सिडेंट, एंटीवायरल और जीवाणुरोधी गुण होते हैं जो संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं। इसके अतिरिक्त हल्दी शरीर की इम्यूनिटी सिस्टम मे सुधार कर बुखार के लक्षणों को कम करने में बहुत मदद करता है। दूध में प्रोटीन और कैल्शियम होता है जो शरीर को ऊर्जा प्रदान कर मजबूती प्रदान करता है।
नीम-तुलसी का काढ़ा. Neem-Tulsi decoction:
वायरल बुखार के घरेलू इलाज में नीम-तुलसी का काढ़ा बेहद कारगर है। नीम के एंटीवायरल और जीवाणुरोधी गुण संक्रमण को दूर करने में मदद करते हैं जबकि तुलसी के शांत गुण स्थिति में सुधार करते हैं। यह काढ़ा शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने में सहायक है और विभिन्न संक्रमणों से लड़ने में मदद करता है। इसके अलावा यह प्राकृतिक तरीके से बुखार, खांसी और गले की खराश को कम करता है और शारीरिक शक्ति बढ़ाता है।
नीम-तुलसी का काढ़ा बनाने के लिए 10-12 नीम और तुलसी की पत्तियों को साफ पानी में धोकर पीस लें। एक बर्तन में पीसी हुई पत्तियों को धीमी आंच पर 10-15 मिनट तक उबालें फिर ठंडा होने के बाद छान कर पीयें। इसे दिन में 2-3 बार पीने से फायदा होता है।
तुलसी के पत्तियों का काढ़ा. Decoction of basil leaves:
वायरल बुखार के घरेलू इलाज में तुलसी के पत्तों का काढ़ा रामबाण उपाय है। तुलसी मे मौजूद विटामिन सी, एंटीऑक्सीडेंट और एंटीवायरल गुण शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत कर संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं और तुलसी का काढ़ा बुखार के लक्षणों को कम करने में मदद करता है।
तुलसी के पत्तों का काढ़ा बनाने के लिए 10-12 तुलसी के पत्तों को 2 कप पानी में उबालें। जब पानी आधा रह जाए तो इसे ठंडा करके कपड़े से छान लें। इसमें एक चम्मच शहद मिलाकर पीना चाहिए। यह उपाय बुखार, सांस लेने में तकलीफ और साइनस के लक्षणों में भी अधिक फायदेमंद है।
अदरक और शहद का मिश्रण. Ginger and honey mixture:
अदरक और शहद का मिश्रण एक प्राचीन आयुर्वेदिक स्वास्थ्यवर्धक उपाय है। इस मिश्रण में मौजूद अदरक के एंटीबैक्टीरियल गुण संक्रमण से लड़ते हैं जबकि शहद के एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण शारीरिक ताकत बढ़ाते हैं। यह मिश्रण वायरल बुखार, गले के संक्रमण, खांसी और सर्दी में बहुत फायदेमंद होते है। इसके साथ ही इसका उपयोग पाचन में सुधार और रक्त को शुद्ध करने के लिए भी किया जाता है।
ग्रीन टी का सेवन. consumption of green tea:
वायरल बुखार के घरेलू उपचार में ग्रीन टी पीने के अनेक फायदे हैं। ग्रीन टी में अनेक पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं जो प्रतिरक्षा प्रणाली की मजबूती के लिए फायदेमंद है शरीर को ऊर्जा व ताजगी प्रदान करने मे मदद करती हैं। इसमें एंटीऑक्सीडेंट एवं कैटेचिन मौजूद होते है जो संक्रमण से बचाव कर बुखार के लक्षणों को कम करने में मदद करते हैं और शरीर को स्वस्थ रखते हैं।
इम्यूनिटी बूस्टर खाद्य पदार्थों का सेवन. Consumption of immunity booster foods:
वायरल बुखार के घरेलू उपचार में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों के सेवन से कई फायदे होते हैं। इनमें विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट्स शामिल होते हैं जैसे कि लहसुन, नारियल, अनाज, अदरक, शहद, तुलसी, नींबू, ब्रोकोली, गाजर और धनिया। विटामिन D की अधिकता के लिए खासतौर पर अंडे, मशरूम, खजूर और मटर अच्छे होते हैं। अनाज खासकर ओट्समील, राजमा, और सेम के बीज इसमें शामिल होते हैं।
मेडिटेशन जैसी विश्राम तकनीकों का अभ्यास. Practicing relaxation techniques such as meditation:
वायरल बुखार में मेडिटेशन जैसी विश्राम तकनीकों का अभ्यास करने से कई लाभ होते हैं। ध्यान करने से तनाव कम होता है और मानसिक स्थिति में सुधार होता है जिससे शारीरिक स्वास्थ्य पर अच्छा प्रभाव पड़ता है। यह बुखार के लक्षणों को कम करके रोगी को राहत देता है। मेडिटेशन शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है और संक्रमण से लड़ने में सहायता करके बुखार से राहत प्रदान करता है।
प्रदूषण से बाचाव और स्वच्छता का ध्यान रखना. Avoid pollution and take care of cleanliness:
वायरल बुखार के घरेलू उपचार में प्रदूषण से दूर रहना और साफ-सफाई का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। प्रदूषण से दूर रहने से हमारा श्वसन तंत्र साफ रहता है और हम कई संक्रमणों से बचे रहते हैं। साफ-सफाई का ध्यान रखने से बुखार जैसी बीमारियों को फैलने से रोका जा सकता है और हमारा स्वास्थ्य भी सुरक्षित रहता है। यह वायरल संक्रमणों से बचाता है और शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है।
वायरल बुखार के लक्षण एव घरेलू उपचार. Symptoms and home remedies of viral fever:
निष्कर्ष. Conclusion:
वायरल बुखार को मौषमी बुखार कहा जाता है यह मौसम मे बदलाव के समय अधिक होता है। यह एक वायरस से होने वाला संक्रमण है। यदि हम मौषम परिवर्तन के समय अपने स्वस्थ का अच्छे से ख्याल रखें तो इस वायरस के संक्रमण से बचा जा सकता है फिर भी यदि किसी को वायरल बुखार हो भी जाता है इसमे घबराने वाली बात नहीं है क्योंकि यह आम बुखार है जिसका कुछ घरेलू उपचार का सही से पालन करने से और डॉक्टर की सलाह से यह कुछ दिनों मे जल्दी ठीक हो जाता है लेकिन कुछ मामलों में वायरल बुखार की स्थिति गंभीर हो सकती है। फिर भी यदि बुखार बहुत तेज हो या बुखार बार बार आ रहा हो यदि लक्षण गंभीर हों तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और डॉक्टर की सलाह का पालन करना चाहिए।
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अस्वीकरण. Disclaimer:
ध्यान दें कि ये सुझाव केवल सूचनात्मक और शैक्षिक उद्देश्यों के लिए हैं। यदि वायरल बुखार बहुत तेज व असहनीय हो तो चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए। वायरल बुखार का उपचार व्यक्ति की स्वास्थ्य स्थिति और वायरल बुखार के स्तर पर निर्भर करता है इसलिए डॉक्टर की सलाह बहुत जरूरी है।
लेख को अंत तक पढ़ने के लिए धन्यवाद।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न. (FAQ):
वायरल बुखार का इलाज घर पर कैसे करें?
वायरल बुखार का इलाज घर पर निम्नलिखित तरीकों से किया जा सकता है: 1-पर्याप्त आराम और भरपूर पानी का सेवन। 2-उचित आहार लें और खूब ताजे फल और सब्जियां खाएं। 3-खाने में पर्याप्त पोषक तत्वों का सेवन करें। 4-शराब और धूम्रपान से बचें। 5-यदि लक्षण गंभीर हों तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें। 6-डॉक्टर की सलाह और निर्देशों का पालन करें और दवाओं का समय-समय पर सेवन करें।
वायरल बुखार कितने समय तक रहता है?
वायरल बुखार की अवधि व्यक्ति के सामान्य स्वास्थ्य, वायरस के प्रकार और उपचार पर निर्भर करती है। आमतौर पर, वायरल बुखार के लक्षण अक्सर 1 से 2 सप्ताह तक रहते हैं। और सर्वोत्तम उपचार प्रयासों के बावजूद, लक्षण 5 से 7 दिनों तक बने रह सकते हैं।
वायरल बुखार बार-बार क्यों आता है?
वायरल बुखार कई कारणों से बार-बार हो सकता है। यह आमतौर पर विभिन्न प्रकार के वायरस जैसे डेंगू, चिकनगुनिया या अन्य वायरल संक्रमण के कारण होता है। पिछले संक्रमण होने के बाद यदि वायरस का सही से उपचार ना हो पाये तो प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है जिस कारण से रोग प्रतिरोधक क्षमता वायरस के खिलाफ मजबूती से नहीं लड़ पाती है जिस कारण बार-बार संक्रमण हो सकता है और बुखार आने लगता है। इसलिए अच्छा खान-पान, साफ-सफाई और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना जरूरी है।
वायरल फीवर में कौन सी दवा लेनी चाहिए?
वायरल बुखार की दवा लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना बेहद जरूरी है। आमतौर पर बुखार और दर्द को कम करने के लिए पेरासिटामोल जैसी दवाओं की सलाह दी जाती है। सूजन, सर्दी या साइनस संक्रमण जैसे अतिरिक्त लक्षणों के लिए डॉक्टर अन्य दवाओं की सिफारिश करेंगे। यदि बुखार लंबे समय तक बना रहता है या किसी गंभीर संक्रामक स्थिति के संकेत हैं।
वायरल बुखार के लिए कौन सा टेस्ट करना चाहिए?
वायरल बुखार के लिए एंटीबॉडी टेस्ट या पीसीआर टेस्ट और (सीबीसी हेमोग्राम) करना चाहिए। इन परीक्षणों के माध्यम से बुखार के कारणों जैसे डेंगू, चिकनगुनिया या कोविड -19 का पता लगाया जा सकता है। एंटीबॉडी परीक्षण किसी व्यक्ति के शरीर में विशिष्ट वायरस के खिलाफ उत्पन्न एंटीबॉडी की जांच करते हैं।
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