हठ योग क्या है? हठ योग का महत्व Hatha Yoga Kya Hai

 


हठ योग क्या है? हठ योग का महत्व : Hatha Yoga Kya Hai.


आज हम ऐसे योग के बारे में बात करने वाले है जो अनेक योग क्रियाओं में से योग की एक प्रमुख शाखा है जिसे हठ योग के नाम से जाना जाता है| हठ योग की क्रिया शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने व् स्वास्थ को स्थिर बनाए रखने के लिए उपयोगी होती है। हठ संस्कृत का शब्द है जिसका अर्थ जिद्दी होता है जो नाम से ही समझ में आता है| हठ शब्द सूर्य की प्राक्रतिक गर्मी और चन्द्रमा की शांति का प्रतीक है यह दोनों के मिश्रित गुणों से लिया गया है| हठ योग का मुख्य उद्देश्य शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करना और आध्यात्मिक विकास प्राप्त करना है। व्यक्ति को उसकी आत्मा के साथ जुड़ना और आत्मज्ञान प्राप्त करने में मदद करना होता है। यदि आप जानना चाहते है हठ योग क्या है इसको कैसे किया जाता है और इसका हमारे जीवन में क्या क्या महत्व है तो इसकी सम्पूर्ण जानकारी इस लेख में बताई गयी है और यह जानकारी आपके बहुत काम की होने वाली है इसलिए इस लेख को अंत तक जरुर पढ़े |

हठ योग क्या है एवं इसका महत्व


हठ योग की प्रमुख क्रियाएं :

आसन:

यह विभिन्न शारीरिक पोज़ और योगिक आसनों का अभ्यास करने का हिस्सा है, जो शारीरिक सुगठितता, लचीलापन, और स्थिरता को बढ़ावा देते हैं। जैसे - ताड़ासन (पाम ट्री पोज़) और भुजंगासन (सर्प पोज़) हठ योग के आसनों के उदाहरण हैं ।


प्राणायाम :

प्राणायाम यह योग का एक अंग है जिसमें सांस को नियंत्रित करने की कला होती है। इस शब्द का मतलब होता है प्राण (जीवन शक्ति) और आयाम (नियंत्रण)। प्राणायाम का उद्देश्य प्राणिक शक्ति को नियंत्रित करके दिमाग को शांति और स्थिरता प्रदान करना है। इसमें सांस को नियंत्रित व सुधार करने के लिए विभिन्न प्रकार के अभ्यास होते हैं जैसे कि कुंभक, रेचक, पूरकअनुलोम-विलोमभ्रामरी, शीतली, शीतकारी, ब्रह्मरी, प्रणव, सुर्यभेदी, चंद्रभेदी, मूर्छा, नाड़ी शोधन (एल्टरनेट नोस्ट्रिल ब्रीथिंग), कपालभाती (स्कल-शाइनिंग ब्रीथिंग) |


ध्यान :

ध्यान का मुख्य उद्देश्य मन को एकाग्र करना होता है इसका प्रयोग प्राचीन काल से किया जाता है ध्यान करने के लिए पद्मासन, सिद्धासन, स्वस्तिकासन व सुखासन पोज में बैठा जाता है हठ योग में ध्यान का बहुत महत्व होता है| यह मन को एक ही विचार पर केंद्रित करने में मदद करता है और आत्मा के अंतर्दृष्टि को विकसित करता है। ध्यान करने से अनेक स्वास्थ लाभ होते है जैसे-तनाव कम करना, यह शरीर को उर्जावान बनाता है, सहनशीलता बढाता है, एकाग्रता बढाता है, याददाश्त में सुधार करता है|

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 शुद्धि शोधन योग क्रिया :

शुद्धि  यह एक ऐसा योग का अभ्यास है जो शरीर को आन्तरिक शुद्धिकरण में अहम भूमिका निभाता है इसका  प्रयोग शरीर के बिषैले तत्वों व् विकारों को दूर करने में मदद करता है यह क्रिया शारीरिक और मानसिक शुद्धि के लिए विभिन्न शुद्धि क्रियाएं और तकनीकों का अभ्यास है |


शतक्रिया :

यह शारीरिक और मानसिक शुद्धि के लिए अभ्यास किए जाने वाली योग क्रियाएं हैं  जैसे नेती-इसमें नाक की सफाई,  धौति- शरीर की आंतरिक सफाई के लिए किया जाता है| नौली- पेट की सफाई, कपालभाति- साइनस की सफाई, बस्ती – एनिमा, और त्राटक- एकाग्रता के लिए उपयोगी योग क्रियाये आती है |

हठ योग क्या है एवं इसका महत्व

 मुद्राएं :

योगिक हस्तमुद्राएं अर्थात हाथों से किए जाने वाले योग क्रिया को मुद्रा योग कहा जाता है जैसे– शरीर के पंच तत्व, पृथ्वी मुद्रा, सूर्य मुद्रा, वायु मुद्रा, जल मुद्रा, प्राण वायु मुद्रा, अपान वायु मुद्रा, शून्य मुद्रा, ऐसे ही प्राचीन ग्रन्थों में लगभग 399 योग मुद्राओं के बारे में बताया गया है |


 बंध :

हठ योग में बंध योग का विशेष महत्व होता है| बंध योग का तात्पर्य है यह आसनों और प्राणायाम के साथ किए जाने वाले अधिनियमन योगासन हैं, जो आत्मा की ऊर्जा को नियंत्रित करने में मदद करते हैं ।


योगिक आहार :

हठ योग में आहार का महत्वपूर्ण स्थान होता है जिसमें सात्विक आहार का खास महत्व होता है। योगिक आहार शरीर की आध्यात्मिकता पर ध्यान केंद्रित करता है जो शरीर में संतुलन बनाते है और उर्जा बढ़ातें हैं  योगिक आहार में मूल रूप से फल, सब्जियां, साबुत अनाज, हर्बल चाय,फलियाँ, पौधे आधारित तेल शामिल होते है | योगिक आहार से मूड में सुधार, वजन घटाने में सहायक, मेटाबालिज्म को बूस्ट करता है और पाचन में सुधार करता है |

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 मंत्र जाप:

हठ योग में ध्यान और मंत्र जाप का अभ्यास किया जाता है, जिससे मानसिक चित्त को शांति प्राप्त होती है मन्त्र उच्चारण करने से आसपास सकारात्मक प्रभाव का संचार होता है| मन्त्र जाप मुख्यत: तीन तरीके का होता है मानसिक जाप, वाचिक जाप, अपान्शु जाप |


 योग निद्रा :

योग निद्रा एक प्राचीन ध्यान तकनीक है इसमें अभ्यास करने वाला सचेत विश्राम की गहरी स्थिति में प्रवेश करते हैं यौगिक नींद गहरी विश्राम की स्थिति होती है इसमें हमारी इन्द्रियाँ, दिमांग और मन पूरी तरह से मुक्त हो सकते है और आराम कर सकते है | योग निद्रा के नियमित अभ्यास से शरीर को बहुत लाभ मिलते है जैसे : यह तनाव कम करता है, शरीर को फिर से जीवंत बनाता है, एकाग्रता बढाता है, याददाश्त में सुधार करता है |


निष्कर्ष :

हठ योग एक पूरी तरह से गहन और व्यापक योग प्रणाली है जो शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करती है। हठ योग विभिन्न प्रकार के आसन, प्राणायाम, ध्यान, और धारणा के अभ्यास के माध्यम से शारीरिक संरचना को सुदृढ़ करता है, मानसिक शांति प्रदान करता है, और आध्यात्मिक स्थान को बढ़ावा देता है। यह अभ्यास व्यक्तिगत और आध्यात्मिक विकास के साथ-साथ जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने में मदद करता है। आशा करता हूँ आपको हठ योग क्या है और इसका क्या महत्व है|" इसकी सही जानकारी इस लेख में निश्चित रूप से प्राप्त हुई होगी| लेख को अंत तक पढ़ने के लिए बहुत धन्यवाद |

हठ योग क्या है एवं इसका महत्व


अस्वीकरण :

यह लेख केवल एक सामान्य जानकारी व शिक्षा के उद्देश्य के लिए है| यह जानकारी किसी भी तरह से योग्य चिकित्सकीय सलाह नही  है |

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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ):


हठ योग का अर्थ क्या है?

हठ योग एक प्रमुख योग प्रणाली है जो भारतीय योग परंपरा का हिस्सा है। इस प्रणाली में शारीरिक एवं मानसिक अभ्यास के माध्यम से स्वास्थ्य एवं आध्यात्मिक विकास को प्राप्त किया जाता है। हठ योग के अभ्यास में आसन, प्राणायाम, मुद्रा, बंधन, ध्यान और धारणा शामिल होती है।

हठ योग कितने प्रकार का होता है?

हठ योग कई प्रकार का होता है जो अपने उद्देश्य और अभ्यास के आधार पर भिन्न हो सकता है। कुछ हठ योग के प्रकार निम्नलिखित हैं: 1- आसन योग, 2-प्राणायाम, 3- मुद्रा, 4- बंध, 5- ध्यान, 6- धारणा, इन हठ योग का शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक विकास के लिए अलग-अलग प्रकार से उपयोग किया जा सकता है।

हठ योग के क्या फायदें है?

हठ योग से अनेक प्रकार के फायदें होते है जैसे -शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार, मानसिक शांति, आध्यात्मिक विकास, फिजियोथेरेपी, तन्त्रिक शक्ति, दिल के लिए चमत्कार, स्वयं की जागरूकता, आंतरिक शांति, स्वास्थ्य विकास, आत्म-समर्पण

हठ योग कैसे किया जाता है?

हठ योग का अभ्यास ध्यान, आसन, प्राणायाम और धारणा के माध्यम से किया जाता है। व्यक्ति एक शांत और साफ मन के साथ अपने शरीर के विभिन्न आसनों का अभ्यास करता है ताकि वह शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार कर सके। प्राणायाम के माध्यम से ध्यान को शुद्ध किया जाता है। धारणा और ध्यान की साधना से आत्मा के साथ जुड़ने का प्रयास किया जाता है |

हठ योग में कितने आसन होते है?

हठ योग में कई प्रकार के आसन होते हैं, हठ योग के कुछ प्रमुख और प्रसिद्ध आसन हैं। शीर्षासन –(सिर झुकाए जाने वाला आसन), सर्वांगासन- (कंधे के बल खड़ा होना), पादांशासन- (आगे की ओर झुकना), भुजंगासन- (कोबरा पोज़), पश्चिमोत्तानासन- (बैठकर आगे की ओर झुकना), बालासन (बाल मुद्रा)


 




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