स्तन कैंसर के लक्षण और उपाय. Breast cancer symptoms and remedies.

स्तन कैंसर के लक्षण और उपाय. Breast cancer symptoms and remedies.

स्तन कैंसर के लक्षण और उपाय. Breast cancer symptoms and remedies.


स्तन कैंसर महिलाओं में होने वाला एक गंभीर कैंसर है जो स्तनों के ऊपरी हिस्से में शुरू होता है। स्तन कैंसर तब होता है जब स्तन कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं और नियंत्रण से बाहर हो जाती हैं। यह सबसे आम कैंसरों में से एक है जो महिलाओं के स्वस्थ को प्रभावित कर सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार स्तन कैंसर महिलाओं में होने वाला सबसे आम कैंसर है यह 2020 की गणंना के अनुसार दुनिया भर में 2.3 मिलियन नए मामलों के साथ एक प्रमुख स्वास्थ्य समस्या है। WHO का लक्ष्य स्तन कैंसर के कारण होने वाली मृत्यु दर को कम करना और यह सुनिश्चित करना है कि सभी महिलाओं को समान और प्रभावी उपचार मिले। स्तन कैंसर विभिन्न कारकों के संयोजन से हो सकता है। प्राथमिक कारण आनुवंशिक हो सकता है जैसे BRCA1 और BRCA2 जीन में उत्परिवर्तन जो कैंसर के खतरे को बढ़ाते हैं। स्तन कैंसर शराब व सिगरेट का अधिक सेवन, अधिक वजन और हार्मोनल परिवर्तन जैसे कारकों के संयोजन के कारण होता है। स्तन कैंसर मुखतः तीन प्रकार का होता है जैस: डक्टल कार्सिनोमा इन सिटू (DCIS), इनवेसिव डक्टल कार्सिनोमा (IDC) और इनवेसिव लाबुलर कार्सिनोमा (ILC),  आज हम इस लेख मे स्तन कैंसर के लक्षणों और इसके बचाव के उपायों से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी के विषय मे विस्तार से बात करने वाले है इसलिए इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें।


स्तन कैंसर के लक्षण. Breast cancer symptoms:

 

स्तन में गांठ:

स्तन कैंसर का मुख्य लक्षण स्तनों में गांठें हैं जो अक्सर असामान्य होती हैं और समय के साथ बढ़ती हैं। ये गांठें कठोर, असमान किनारे वाली और दर्द रहित होती हैं। स्तन में गांठ का मुख्य कारण अक्सर ग्रंथि ऊतक के असामयिक विकास या शरीर के असामान्य हार्मोनल परिवर्तन के कारण और स्तन के ऊतकों में संक्रमण एवं बढ़ती उम्र, गर्भावस्था, हार्मोन थेरेपी या ख़राब आहार के कारण होता है। इन लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए गांठ के सही निदान और उपचार के लिए डॉक्टर से परामर्श लेना बहुत जरूरी है।

स्तन कैंसर के लक्षण और उपाय. Breast cancer symptoms and remedies.

 

निपल में बदलाव:

स्तन कैंसर के लक्षणों में निपल में परिवर्तन शामिल होते हैं। मुख्य लक्षण हैं निपल का अंदर की ओर मुड़ना, आकार या रंग बदलना और असामान्य स्राव (रक्त या अन्य तरल पदार्थ)। निपल के आसपास की त्वचा में लालिमा, सूजन, खुजली या छाले जैसी उपस्थिति भी हो सकती है। निपल में दर्द या बढ़ी हुई संवेदनशीलता भी देखी जाती है।


स्तन की त्वचा में परिवर्तन:

स्तन की त्वचा में बदलाव स्तन कैंसर के महत्वपूर्ण लक्षण होते हैं। इनमें त्वचा पर गड्ढे पड़ना (संतरे के छिलके जैसा दिखना), लालिमा, सूजन या मोटा होना शामिल है। त्वचा पर अल्सर या घाव भी हो सकते हैं। निपल का उलटा होना या उसके आसपास की त्वचा में बदलाव भी चेतावनी के संकेत होते हैं। स्तन की त्वचा का सामान्य रंग बदलना, खुजली होना या गर्मी महसूस होना भी संभावित लक्षण होते हैं।


निपल से खून आना:

निपल से रक्तस्राव स्तन कैंसर के लक्षणों का एक गंभीर संकेत होता है। यह अक्सर दूध नलिकाओं में कैंसर के कारण होता है जैसे डक्टल कार्सिनोमा, पैगेट रोग, निपल और एरिओला (areola) का एक दुर्लभ प्रकार का कैंसर भी रक्तस्राव का कारण बनता है। निपल से रक्तस्राव संक्रमण या ट्यूमर का लक्षण भी हो सकता है।


स्तनों में दर्द या चुभन:

स्तन कैंसर के लक्षणों में स्तनों में दर्द या चुभन शामिल होती है हालांकि यह हमेशा कैंसर का संकेत नहीं होता है। कैंसर से संबंधित दर्द अक्सर लगातार बना रहता है और समय के साथ बढ़ता जाता है। यह दर्द एक विशेष क्षेत्र में केंद्रित होता है और छूने पर अधिक महसूस होता है। स्तनों में चुभन या असामान्य अनुभूति भी महसूस होती है। ये लक्षण अन्य स्थितियों के कारण भी हो सकते हैं जैसे हार्मोनल परिवर्तन, स्तन की सूजन या फाइब्रोसिस्टिक रोग अर्थात मासिक धर्म चक्र के कारण।


स्तन की स्थिति में परिवर्तन:

स्तनों की स्थिति में बदलाव स्तन कैंसर के लक्षणों का एक महत्वपूर्ण संकेत होता है। इसमें स्तनों के आकार में असामान्य परिवर्तन शामिल हैं जैसे एक स्तन का बड़ा या छोटा होना या असमानता। त्वचा में खिंचाव या गड्ढा (संतरे के छिलके जैसा दिखना) भी कैंसर का संकेत होता है। निपल का उलटा होना, उसकी स्थिति मे बदलाव होना स्तनों की त्वचा का लाल व मोटा होना या सूजन होना भी संभावित लक्षण हैं।


स्तन के आसपास छाले:

स्तन के आसपास छाले या घाव होना स्तन कैंसर के लक्षणों का एक गंभीर संकेत होता है। यह अक्सर पैगेट रोग का ही लक्षण होता है। इस स्थिति में निपल और घेरा क्षेत्र में छाले, लालिमा, खुजली और पपड़ी बन सकती है। यह त्वचा की सतह पर एक्जिमा जैसा दिखता है।


स्तन की त्वचा का छिलना:

स्तन की त्वचा का छिल जाना स्तन कैंसर के लक्षणों का एक महत्वपूर्ण संकेत होता है। स्तन की त्वचा का छिलना कई कारणों से हो सकता है जिसमें एक्जिमा, त्वचा का सूखापन और कुछ त्वचा की स्थितियाँ शामिल हैं। छीलने के साथ-साथ, त्वचा की लालिमा, सूजन और अन्य असामान्य त्वचा परिवर्तनों पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए।

स्तन कैंसर के लक्षण और उपाय. Breast cancer symptoms and remedies.

स्तन की बाहरी स्थिति में परिवर्तन:

स्तन की बाहरी स्थिति में परिवर्तन स्तन कैंसर के लक्षणों का एक महत्वपूर्ण संकेत होता है। यह स्तन के आकार और आकृति में असमानता, गांठों के गठन या त्वचा की असामान्य शिथिलता के रूप में प्रकट होता है। अन्य लक्षणों में त्वचा पर गड्ढे पड़ना, रंग बदलना, या त्वचा के उलट होने के लक्षण शामिल होते हैं। यह स्तन से जुड़ी अन्य समस्याओं का भी संकेत होता है लेकिन ये बदलाव दिखने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है ताकि समय रहते इलाज शुरू किया जा सके। स्तन कैंसर के प्रबंधन में असामान्य परिवर्तनों का समय पर निदान और उपचार जरूरी है।


रोकने के उपाय Measures to prevent:


नियमित स्व-परीक्षण:

स्तन कैंसर से बचाव के लिए नियमित स्व-परीक्षण करना जरूरी है। यह प्रक्रिया महिलाओं को अपने स्तनों में किसी भी असामान्यता या बदलाव को जल्दी पहचानने में मदद करती है। स्व-परीक्षण के लिए हर महीने एक निश्चित समय निर्धारित करें जैसे मासिक धर्म के बाद का सप्ताह, जब स्तन कम संवेदनशील होते हैं।

 

मैमोग्राफी (Mammograph)

इसका मुख्य उद्देश्य स्तन कैंसर का शुरुआती चरण का पता लगाना है। नियमित मैमोग्राफी से महिलाओं को स्तन कैंसर के शुरुआती लक्षणों को पहचानने में मदद मिलती है जिससे उपचार अधिक प्रभावी होता है। यह आमतौर पर 40 साल से अधिक उम्र की महिलाओं को नियमित मैमोग्राफी कराने की सलाह दी जाती है। 

 

स्वस्थ आहार का सेवन:

स्वस्थ आहार स्तन कैंसर को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है इसलिए स्तन कैंसर के बचाव के लिए अपने आहार मे फलों, सब्जियों, साबुत अनाज और प्रोटीन से भरपूर संतुलित आहार का सेवन करना बहुत जरूरी होता है।

 

वजन नियंत्रण:

स्तन कैंसर को रोकने के लिए वजन पर नियंत्रण करना बहुत आवश्यक है। अधिक वजन और मोटापा स्तन कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है। उचित आहार, व्यायाम और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने से वजन पर नियंत्रण करना संभव है।

 

व्यायाम एवं प्राकृतिक हार्मोन संतुलन:

नियमित शारीरिक गतिविधि करें जैसे तेज चलना, योग करना या जिम जाना, व्यायाम करना, तनाव कम करने के साथ-साथ पर्याप्त नींद लेना बहुत आवश्यक है और प्राकृतिक हार्मोन संतुलन के लिए आहार में फाइबर, प्रोटीन और सही विटामिन और खनिजों को शामिल करना जरूरी है। इससे हार्मोन का स्तर संतुलित रहता है और कैंसर का खतरा कम हो जाता है।

 

शराब व धूम्रपान से दूर रहें:

शराब और धूम्रपान का सेवन बंद करना बहुत जरूरी है क्योंकि अत्यधिक शराब और धूम्रपान के सेवन से स्तन कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।

 

स्तनपान कराना :

बच्चे के जन्म के बाद का कम से कम 6 माह से 1 बर्ष तक बच्चे को स्तनपान कराना बहुत जरूर होता है। स्तनपान न कराने पर दूध स्तनों मे जमा हो जाता है और गांठ बना सकता है जिससे स्तन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। जन्म के शुरुआती कुछ महीनों तक बच्चे का सम्पूर्ण आहार केवन माँ का दूध ही होता है जिससे बच्चे की इम्यूनिटी भी मजबूत होती है और शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है इसलिए स्तनपान कराना माँ और बच्चे दोनों के लिए बहुत जरूरी व लाभदायक होता है।

 

पारिवारिक इतिहास एवं जीन परीक्षण:

अपने परिवार में स्तन कैंसर का इतिहास जानें और इसके आधार पर अपने जोखिम को समझें। यदि आपके परिवार में स्तन कैंसर का पुराना इतिहास है तो आनुवंशिक परीक्षण BRCA1और BRCA2 जीन) पर विचार करें।


सर्जरी (Surgery).

लंपेक्टॉमी (Lumpectomy). कैंसरग्रस्त गांठ और आसपास के ऊतकों को हटाना।

मास्टेक्टॉमी (Mastectomy). पूरे स्तन को हटाना, जिसमें कुछ मामलों में दोनों स्तन भी शामिल होते हैं।

सेंटिनल लिंफ नोड बायोप्सी (Sentinel lymph node biopsy). यह जांचने के लिए कि कैंसर लिंफ नोड्स तक फैला है या नहीं।


कीमोथेरेपी (Chemotherapy):

स्तन कैंसर के लिए कीमोथेरेपी एक महत्वपूर्ण उपचार विकल्प है, खासकर जब कैंसर उन्नत चरण में हो या सर्जरी के बाद पुनरावृत्ति का खतरा हो। कीमोथेरेपी का लक्ष्य कैंसर को पूरी तरह खत्म करना, उसकी वृद्धि को धीमा करना या उसके लक्षणों को नियंत्रित करना है। रोगी की विशिष्ट स्थिति और कैंसर के प्रकार के आधार पर उपचार के प्रकार, अवधि और दवाओं का चयन किया जाता है। इसमे कैंसर कोशिकाओं को मारने के लिए शक्तिशाली दवाओं का उपयोग किया जाता है जिसमे सर्जरी से पहले नियोएडजुवेंट (Neoadjuvant) और बाद में एडजुवेंट (adjuvant) दिया जाता है।


रेडिएशन थेरेपी (Radiation Therapy):

रेडिएशन थेरेपी जिसे विकिरण चिकित्सा भी कहा जाता है इस प्रक्रिया मे कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करना या उनकी वृद्धि को धीमा करने के लिए उच्च-ऊर्जा विकिरण का उपयोग किया जाता है। विकिरण चिकित्सा का उद्देश्य कैंसर को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करना और रोगी के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना है और यह आमतौर पर सर्जरी के बाद किया जाता है।


हार्मोन थेरेपी (Hormone Therapy):

हार्मोन थेरेपी का उपयोग विभिन्न प्रकार के कैंसर, विशेष रूप से स्तन और प्रोस्टेट कैंसर के इलाज के लिए किया जाता है। यह थेरेपी कैंसर कोशिकाओं के विकास को धीमा करने या रोकने के लिए हार्मोन के स्तर को नियंत्रित करती है। स्तन कैंसर के मामलों में, हार्मोन थेरेपी हार्मोन एस्ट्रोजन या प्रोजेस्टेरोन को अवरुद्ध या कम कर देती है, जिससे कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि रुक जाती है।


लक्षित थेरेपी (Targeted Therapy):

लक्षित थेरेपी एक आधुनिक कैंसर उपचार पद्धति है जो विशेष रूप से कैंसर कोशिकाओं को लक्षित करती है। ऐसी दवाओं का उपयोग जो HER2 पॉजिटिव कैंसर के लिए कैंसर कोशिकाओं में विशिष्ट अणुओं को लक्षित करती हैं जैसे ट्रैस्टुज़ुमैब trastuzumab (हर्सेप्टिन)। यह उपचार कैंसर कोशिकाओं के विशिष्ट जीन, प्रोटीन या ऊतक वातावरण पर केंद्रित है जो उनके विकास और अस्तित्व के लिए आवश्यक हैं। लक्षित थेरेपी सामान्य कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाए बिना कैंसर कोशिकाओं को नष्ट कर देती है।


रेडियोफ्रीक्वेंसी एब्लेशन (Radiofrequency Ablation):

रेडियोफ्रीक्वेंसी एब्लेशन (RFA) एक चिकित्सा प्रक्रिया है जो शरीर में कैंसर कोशिकाओं को व असामान्य कणों को नष्ट करने के लिए उच्च-ऊर्जा रेडियोफ्रीक्वेंसी तरंगों का उपयोग किया जाता है।

  

चिकित्सीय सलाह:

नियमित जांच कराएं और चिकित्सक से परामर्श करें और स्तन कैंसर के बारे में नवीनतम जानकारी और सलाह लें। समय पर निदान और रोकथाम से स्तन कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है।

स्तन कैंसर के लक्षण और उपाय. Breast cancer symptoms and remedies.


निष्कर्ष:

जैसा कि इस लेख में बताया गया है स्तन कैंसर की रोकथाम और उपचार के लिए कई उपाय अपनाए जा सकते हैं। नियमित स्व-परीक्षण और मैमोग्राफी के माध्यम से शीघ्र पता लगाया जा सकता है। स्वस्थ आहार, वजन नियंत्रण, नियमित व्यायाम, शराब का सेवन सीमित करना, धूम्रपान छोड़ना और स्तनपान जैसे उपाय जोखिम को कम करते हैं। उपचार के विकल्पों में सर्जरी, कीमोथेरेपी, विकिरण थेरेपी, हार्मोन थेरेपी और लक्षित थेरेपी शामिल हैं। उपचार योजनाएँ प्रत्येक रोगी की स्थिति के अनुरूप बनाई जाती हैं। शीघ्र निदान और समय पर उपचार से स्तन कैंसर को नियंत्रित किया जा सकता है। जागरूकता बढ़ाना और नियमित जांच कराना जरूरी है ताकि इस बीमारी से बचा जा सके और इसका प्रभावी इलाज किया जा सके और स्तन कैंसर के लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए गांठ के सही निदान और उपचार के लिए डॉक्टर से परामर्श लेना बहुत जरूरी है।

 

अस्वीकरण:

इस लेख मे दी गई जानकारी केवल जागरूकता और शैक्षिक उद्देश्यों के लिए है। यह जानकारी किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा सलाह नहीं है और यह किसी भी रोग के उपचार व उसके निदान के लिए किसी चिकित्सा विशेषज्ञ की सलाह बिल्कुल नहीं है। किसी भी दवा का सेवन करने से पहले पजीकृत चिकिसक से परामर्श करना जरूरी है अगर किसी को स्तन कैंसर या अन्य किसी भी कैंसर बीमारी की गंभीर समस्या हो तो उचित सलाह के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने डॉक्टर से सलाह लें। अधिक जानकारी के लिए स्वास्थ्य सुझाव और जानकारी की अस्वीकरण नीति को पढ़ें। लेख को अंत तक पढ़ने के लिए धन्यवाद।


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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल. (FAQ):

स्तन कैंसर की गांठ की पहचान क्या है?

स्तन में कैंसरयुक्त गांठें आमतौर पर कठोर, अनियमित आकार की और दर्द रहित होती हैं। यह गांठ त्वचा के नीचे जमी हुई महसूस होती है और आसानी से नहीं हटती। गांठ के साथ होने वाले अन्य लक्षणों में स्तन के आकार में बदलाव, त्वचा में गड्ढे पड़ना, निपल से असामान्य स्राव, और निपल या स्तन की त्वचा का लाल होना या पपड़ी बनना शामिल हो सकते हैं।

ब्रेस्ट कैंसर होने का कारण क्या है?

स्तन कैंसर के कई कारण हो सकते हैं। प्रमुख कारणों में आनुवंशिकता (जैसे BRCA1 और BRCA2 जीन में परिवर्तन), उम्र बढ़ना, हार्मोनल परिवर्तन और कैंसर का पारिवारिक इतिहास शामिल हैं। जीवनशैली के कारक भी महत्वपूर्ण हैं, जैसे अत्यधिक शराब का सेवन, धूम्रपान, मोटापा और शारीरिक गतिविधि की कमी। इसके अतिरिक्त, स्तनपान न कराने और कुछ हार्मोनल उपचारों के लंबे समय तक उपयोग से भी जोखिम बढ़ सकता है। रेडियोथेरेपी के संपर्क में आना और कुछ रसायनों के संपर्क में आना भी संभावित कारण हो सकते हैं।

क्या स्तन की गांठ मे दर्द हो सकता है?

हाँ, स्तन की गांठ में दर्द हो सकता है, लेकिन जरूरी नहीं कि यह हमेशा कैंसर का संकेत हो। दर्दनाक गांठें अक्सर सौम्य (गैर-कैंसरयुक्त) स्थितियों जैसे फ़ाइब्रोसिस्टिक परिवर्तन, सिस्ट या संक्रमण (मास्टिटिस) के कारण होती हैं। स्तन कैंसर की गांठें आमतौर पर दर्द रहित होती हैं, लेकिन कुछ मामलों में दर्द हो सकता है, खासकर अगर गांठ बड़ी हो या आसपास के ऊतकों पर दबाव डाल रही हो। अगर आपको ब्रेस्ट में गांठ और दर्द महसूस हो तो इसे नजरअंदाज न करें। सही निदान और उपचार के लिए डॉक्टर से परामर्श करना आवश्यक है।

ब्रेस्ट में कौन सी गांठ नॉर्मल होती है?

स्तन में कई प्रकार की गांठें सामान्य (गैर-कैंसरयुक्त) हो सकती हैं। जैसें फ़ाइब्रोसिस्टिक परिवर्तन जिसमे हार्मोनल परिवर्तन के कारण स्तन के ऊतकों में गांठ और दर्द हो सकता है। यह सामान्य है और अक्सर मासिक धर्म चक्र से संबंधित होता है और सिस्ट जो द्रव से भरी थैली होती हैं और अक्सर कोमल होती हैं। फाइब्रोएडीनोमा यह एक ठोस, गोल और चिकनी गांठ होती है जो हिलने-डुलने में सक्षम होती है और आमतौर पर दर्द रहित होती है।

स्तन कैंसर को रोकने के लिए क्या खाना चाहिए?

स्तन कैंसर से बचाव के लिए अपने आहार में प्रोटीन और फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करें। सब्जियां, फल, साबुत अनाज, फलियां और हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे नारियल, खुबानी, सेब, अंगूर, गाजर, टमाटर आदि खाएं। और आहार में विटामिन डी, फोलेट और ओमेगा-3 फैटी एसिड भी शामिल करें। अपनी सुबह की शुरुआत नींबू के रस और शहद के साथ गर्म पानी से करें।



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